गुरुवार, 23 सितंबर 2010

कुछ तस्वीरें , यादों के पिटारे से ----

प्रस्तुत हैं कुछ तस्वीरें , यादों के पिटारे से ----




दूर इस झील के पार हमारा घर है ----।



ओहरे ताल मिले नदी के जल में , नदी मिले सागर में ---।




उफान पर नदी ।



अंग्रेजों की रातें बड़ी रंगीन होती हैं ---।



शाम होते ही पंछी घर की ओर चल देते हैं ----।



दो देश ---एक तरफ दिन , एक तरफ रात ----।



चौड़े पाट वाली नदी , कैसा रूप धारण कर लेती है ----।




थोडा दाना हमें भी ----।




आजा शाम होने आई , मौसम ने ली अंगडाई ----।




ये छोटे छोटे हवाई ज़हाज़ हैं या ----। क्या उड़ान है !



इंसान का सच्चा स्वरुप ----।




इस गाड़ी का नाम जानते हैं ?



शांत झील में थोड़ी सी खलबली ----।



ये शांत झील और ये शाम का समां ----।



ये कहाँ आ गए हम ---ये आ रहे हैं या जा रहे हैं ?