पिछले १५ सालों में पहली बार ऐसा हुआ कि परिस्थितियोंवश गर्मियों की छुट्टियों में पहाड़ों में जाने का प्रोग्राम नहीं बन पाया । इसलिए दो साल पहले टिहरी गढ़वाल के चम्बा कस्बे की सैर को याद कर , आइये आपको भी चम्बा की सैर कराते हैं ।
चम्बा , टिहरी जिले का एक महत्त्वपूर्ण क़स्बा है जो एक ओर मसूरी और दूसरी ओर ऋषिकेश से लगभग ६० किलोमीटर दूर है । दिल्ली से सड़क द्वारा करीब ३२० किलोमीटर की ड्राइविंग है । दिल्ली से हरिद्वार होते हुए , ऋषिकेश , फिर नरेन्द्रनगर होकर खूबसूरत सड़क पर गाड़ी चलाते हुए सफ़र का आनंद आ जाता है ।
ठहरने के लिए हमने चुना गढ़वाल मंडल विकास निगम का ये टूरिस्ट बंगला । चार बेड वाला फैमिली सुइट मात्र ८००-९०० रूपये में मिल जाता है । खाने का प्रबंध भी सही है ।
यह टूरिस्ट बंगला एक पहाड़ी की चोटी पर कस्बे के बीचों बीच बना है । हालाँकि क़स्बा तो वहां के लोगों के लिए शहर है , लेकिन टूरिस्ट्स के लिए वहां कुछ खास नहीं है ।
लेकिन टूरिस्ट बंगला से चारों ओर का नज़ारा बेहद खूबसूरत है ।
भागीरथी घाटी का एक मनोरम दृश्य।
एक और दृश्य।
चम्बा शहर का एक नज़ारा ।
दूर क्षितिज में जो पहाड़ की चोटी नज़र आ रही है , वहां मशहूर सुरखंडा देवी का मंदिर है । चम्बा से करीब ३०-३५ किलोमीटर दूर , यह फोटो टूरिस्ट बंगला से जूम करके लिए गया है ।
सुरखंडा देवी के मंदिर में ।
हम यहाँ पहली बार १९८४ में आये थे । तब यहाँ सब बिल्कुल सुनसान था । आजकल इतनी दुकाने और मकान बन गए हैं और इतना ट्रैफिक बढ़ गया है कि घंटों जाम लगा रहता है ।
मंदिर करीब एक किलोमीटर की चढ़ाई पर है ।
नीचे भंडारा चल रहा था जहाँ प्रसाद के रूप में पूरी सब्जी और हलवा खाने में बड़ा मज़ा आया ।
मंदिर तक का सारा रास्ता हरा भरा और पेड़ पौधों से भरा है ।
मंदिर तक पहुँचते पहुँचते बदल घिर आये । बादलों की छटा बड़ी सुहानी थी ।
चम्बा के पास ही है टिहरी बाँध जो भागीरथी और भिलंगाना नदियों के बहाव पर , विश्व के सबसे उचाई पर बने बांधों में से एक है । कभी यहाँ टिहरी शहर हुआ करता था । १९९४ और १९९६ में हर की दून और डोडी ताल की ट्रेकिंग पर जाते समय यहाँ से होकर गुजरे थे , तब यहाँ काम चल रहा था ।
बांध से बनी झील । इसमें पूरा टिहरी शहर डूब गया । बाहर से बाँध तो दिखाई भी नहीं देता ।
पुराने शहर का एक हिस्सा अभी भी दिख रहा है । पता चला यह यहाँ के राजा का महल होता था ।
नया टिहरी इसी जगह के पास पहाड़ पर बसाया गया है ।
सूर्यास्त का एक दृश्य।
तो कैसा लगा , घर बैठे चम्बा घूमना ।
नोट : सभी तस्वीरें अपने नोकिया मोबाईल फोन के कैमरे से ली गई हैं ।
शनिवार, 26 जून 2010
सदस्यता लें
संदेश (Atom)